प्राण देकर भी वचन निभाते आजीवन, अग्नि साक्षी तो सात जन्म हैं रहते साथ। प्राण देकर भी वचन निभाते आजीवन, अग्नि साक्षी तो सात जन्म हैं रहते साथ।
गण का तंत्र है तंत्र के गण हैं इनमें कुछ मान्य हैं तभी गणमान्य हैं, गण का तंत्र है तंत्र के गण हैं इनमें कुछ मान्य हैं तभी गणमान्य हैं,
रह -रह के मुठियाँ जोश से भर रहीं है क्रोध बड़ा, मत इतना ताप दो। रह -रह के मुठियाँ जोश से भर रहीं है क्रोध बड़ा, मत इतना ताप दो।
तान छेड़े श्याम सुंदर जब नदी के सामने है मगन राधा दीवानी बांसुरी के सामने। तान छेड़े श्याम सुंदर जब नदी के सामने है मगन राधा दीवानी बांसुरी के सामने।
फिर से बरसा, बरसा वन हो, ऐसा पावन संसार बनाएं हम। फिर से बरसा, बरसा वन हो, ऐसा पावन संसार बनाएं हम।
इस संसार को जो गतिवान बनाती है अपने कर्म की पूर्ती सदैव करने का जो देती है सन्देश वो शाश्वत सत्य है ... इस संसार को जो गतिवान बनाती है अपने कर्म की पूर्ती सदैव करने का जो देती है सन्दे...